रेत माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर IG कार्यालय पहुंचे आक्रोशित ग्रामीण, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
राजनांदगांव, 18 जून 2025।
मोहड़ में हुए गोलीकांड के बाद भले ही पुलिस और खनिज विभाग पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एसपी द्वारा टीआई को और सरकार द्वारा माइनिंग अफसर को निलंबित कर दिया हो, लेकिन घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर नाराज ग्रामीणों ने 16 जून को IG कार्यालय का घेराव किया और कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों का आरोप है कि रेत तस्करों द्वारा की गई गोलीबारी में तीन लोग घायल हुए थे, जबकि एक ग्रामीण के सिर को छूती हुई गोली निकल गई थी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। ग्रामीणों के अनुसार, यह हमला पूरी तरह सुनियोजित था और इसमें प्रशासनिक संरक्षण की भी भूमिका रही है।
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने मौके पर खड़ी जेसीबी मशीन में तोड़फोड़ कर दी थी। मामले में पुलिस और खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे, जिसके चलते सोमनी थाना प्रभारी सत्यनारायण देवांगन को निलंबित किया गया। वहीं, खनिज अधिकारी को भी सरकार ने निलंबित कर दिया।
ग्रामीणों की मांग: रेत माफियाओं पर हो कठोर कार्रवाई
ग्रामीणों ने IG कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई कि रेत माफियाओं के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। इसके अलावा कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में भी ग्रामीणों ने यही मांग दोहराई।
कांग्रेस ने उठाया राजनीतिक मोर्चा
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने की कोशिशें तेज कर दी हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। हाथों में पोस्टर लिए नारेबाजी कर रहे ग्रामीणों ने रेत तस्करी से जुड़े राजनीतिक संरक्षण की भी बात उठाई और ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
PCC चीफ दीपक बैज करेंगे दौरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज आज मोहड़ पहुंचेंगे। वे गोलीकांड की घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे और पीड़ित परिवारों व ग्रामीणों से मुलाकात कर उनका पक्ष जानेंगे। इससे पहले कांग्रेस ने एक 6 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर ली है।
यह साफ है कि मोहड़ गोलीकांड से उपजा जन आक्रोश अब सरकार के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। जहां एक ओर ग्रामीण न्याय की मांग को लेकर अडिग हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस जनभावना को राजनीतिक मोर्चे में बदलने की कोशिश कर रही है।