दुर्ग, 27 जून 2025
दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र के गंजपारा वार्ड-36 में स्थित एक शताब्दी पुराने ऐतिहासिक कुएं का कायाकल्प करते हुए उसे एक सुंदर ‘शिव वाटिका’ के रूप में विकसित किया गया है। इस शिव वाटिका का लोकार्पण आज महापौर अल्का बघमार द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना कर किया गया। इस अवसर पर सभापति श्याम शर्मा, पार्षद प्रतिमा सुरेश गुप्ता, जनप्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति रही।
ऐतिहासिक धरोहर को नया जीवन
जानकारी के अनुसार, यह कुआं 100 वर्षों से अधिक पुराना है और कभी पूरे गंजपारा क्षेत्र के निवासियों के लिए जल आपूर्ति एवं स्नान का प्रमुख स्रोत रहा है। लंबे समय से उपेक्षित रहने और कचरे से पट जाने के कारण यह कुआं बंद हो गया था। किंतु अब स्थानीय लोगों और सेवा संस्थाओं के प्रयास से इसे पुनर्जीवित किया गया है।
जनसहयोग से सफाई और सौंदर्यीकरण
इस ऐतिहासिक कुएं की सफाई का बीड़ा जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग बोलबम सेवा समिति और गंजपारा वासियों ने मिलकर उठाया। कई दिनों की मेहनत के बाद कुएं से पूरा कचरा साफ कर इसकी मूल संरचना को सुरक्षित रूप से बहाल किया गया।
इसके बाद नगर निगम दुर्ग द्वारा इस स्थल का सौंदर्यीकरण किया गया, जिसके अंतर्गत:
कुएं के ऊपर भगवान शिव की विशाल प्रतिमा की स्थापना
आकर्षक शिव वाटिका का निर्माण
कुएं के पास नाली निर्माण कार्य
सुंदर पेंटिंग और साज-सज्जा का कार्य
यह संपूर्ण कार्य नगर निगम पार्षद निधि से ₹4 लाख की लागत में पूरा किया गया।
लोकार्पण समारोह में उत्साह
लोकार्पण समारोह में महापौर अल्का बघमार ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर शिव वाटिका का उद्घाटन किया। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और उन्हें धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप में पुनर्जीवित करना समाज के लिए प्रेरणादायक है। यह स्थान अब आस्था और पर्यटन दोनों के लिए आकर्षण बनेगा।”
प्रमुख उपस्थितजन:
कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य ज्ञानेश्वर ताम्रकार, शेखर चंद्राकर, नीलेश अग्रवाल, काशीराम कोसरे, कुलेश्वर साहू, कमल देवांगन, देवनारायण तांडी, ज्ञानदास बंजारे, मनोज सोनी, प्रकाश गीते, मनीष कोठारी, गुड्डू यादव, जीतू महोबिया, जितेंद्र ताम्रकार, गुलशन साहू, अजय शर्मा, कमल रूंगटा, अशोक राठी, विवेक मिश्रा, रियाज चौहान, राजेश शर्मा सहित कई पार्षद, समाजसेवी और नागरिक उपस्थित थे।
सामाजिक पहल की सराहना
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस कार्य के लिए नगर निगम एवं पार्षदों का आभार जताया और आशा जताई कि अन्य उपेक्षित धरोहर स्थलों का भी इसी प्रकार विकास किया जाएगा।