रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो रेल परियोजना को हरी झंडी दे दी है, जो राज्य में “स्टेट कैपिटल रीजन (SCR)” के गठन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर मॉडल पर आधारित एक नियोजित शहरी क्लस्टर होगा, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में सुनियोजित, टिकाऊ और संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।
हाल ही में स्वीकृत SCR योजना के तहत रायपुर, नया रायपुर (अटल नगर) और दुर्ग-भिलाई को जोड़ने वाला एक महत्वाकांक्षी मेट्रो कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। यह मेट्रो न केवल क्षेत्रीय आवागमन को सुगम बनाएगी, बल्कि ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद करेगी और 2031 तक अनुमानित 50 लाख की जनसंख्या को लाभ पहुंचाएगी।
सरकार ने परियोजना की व्यवहार्यता जांच (Feasibility Study) के लिए 2024–25 के बजट में 5 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
SCR का विकास एक समग्र दृष्टिकोण के साथ किया जाएगा, जिसमें शहरी नियोजन, परिवहन, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा। इस विकास की कमान कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (CRDA) संभालेगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे। इसमें कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, विधायक और स्थानीय निकाय प्रतिनिधि शामिल होंगे, जबकि एक CEO सदस्य-सचिव के रूप में कार्य करेगा।
CRDA को भूमि उपयोग, अधोसंरचना, निवेश और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों की योजना और निगरानी का अधिकार होगा। इसके साथ ही, यह मेट्रो और अन्य प्रमुख परियोजनाओं की फंडिंग के लिए विशेष अधोसंरचना उपकर (Infrastructure Cess) भी वसूल सकेगी। हर वर्ष CRDA राज्य सरकार के समक्ष बजट और प्रगति रिपोर्ट पेश करेगा।
एक विशेष कार्यकारी समिति, जिसमें SCR जिलों के प्रमुख योजनाकार, इंजीनियर, वित्त अधिकारी और कलेक्टर शामिल होंगे, परियोजना के कार्यान्वयन को धरातल पर सुनिश्चित करेगी।
बेहतर संपर्क, समेकित विकास और आधुनिक अधोसंरचना के साथ, यह राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) छत्तीसगढ़ के विकास का नया इंजन बनेगा—जिसका आधार होगा रायपुर-दुर्ग मेट्रो कॉरिडोर और एकीकृत योजनागत दृष्टिकोण।
SCR का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र के प्रमुख शहरों में संतुलित और स्थायी विकास को बढ़ावा देना है। NCR मॉडल से प्रेरित इस योजना में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ सार्वजनिक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और वाणिज्य का समावेश होगा।
इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सरकार एक कैपिटल रीजन डेवलपमेंट फंड और रिवॉल्विंग फंड भी स्थापित करेगी, जिससे मेट्रो और अन्य परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाए जा सकें। यह प्राधिकरण एक नियोजन और नियामक निकाय के रूप में कार्य करेगा, जो सरकारी और निजी क्षेत्रों के बीच समन्वय स्थापित करेगा और राज्य सरकार को वार्षिक बजट व विकास रोडमैप प्रस्तुत करेगा।