दुर्ग। दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 56 स्थित बघेरा में प्रस्तावित नई शराब दुकान अब नहीं खुलेगी। यह निर्णय क्षेत्रवासियों की एकजुट मांग और जनहित को प्राथमिकता देते हुए दुर्ग शहर विधायक श्री गजेन्द्र यादव द्वारा लिया गया। उन्होंने जनता की चिंता को गंभीरता से लेते हुए आबकारी विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बघेरा में किसी भी प्रकार से शराब दुकान न खोली जाए।
बघेरा क्षेत्र में शराब दुकान खोलने को लेकर पिछले कुछ दिनों से विरोध की लहर चल रही थी। जैसे ही इस संबंध में आबकारी विभाग द्वारा नई दुकान हेतु निविदा आमंत्रण की सूचना सामने आई, वैसे ही स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने मिलकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग पर शराब दुकान खुलने से संभावित सामाजिक समस्याओं और असामाजिक गतिविधियों के बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी।
विधायक ने लिया जनभावनाओं का संज्ञान
वार्ड 56 में हाल ही में हुए उद्यान निर्माण भूमिपूजन कार्यक्रम में विधायक गजेन्द्र यादव ने क्षेत्रवासियों के सामने वादा किया था कि वे बघेरा में शराब दुकान किसी भी स्थिति में नहीं खुलने देंगे। इस वादे को उन्होंने केवल शब्दों में ही नहीं, बल्कि त्वरित कार्रवाई में भी बदल दिया। उन्होंने आबकारी विभाग से चर्चा कर प्रस्तावित दुकान को स्थगित करने के निर्देश जारी किए।
आस्था, शिक्षा और सामाजिक ताने-बाने को था खतरा
बघेरा का यह क्षेत्र दुर्ग जिले के कई गांवों — जैसे कोटनी, नगपुरा, पीपरछेड़ी, गनीयारी, भेंडसर और जलबांधा — को जोड़ने वाला एक प्रमुख आवागमन मार्ग है। यहीं पर एक स्कूल और एक प्रमुख धार्मिक स्थल (मंदिर) भी स्थित है, जहाँ रोज़ाना ग्रामीणों, किसानों और श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है। नागरिकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि शराब दुकान खुलने से न केवल छात्र-छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा पर असर पड़ेगा, बल्कि क्षेत्र में नशाखोरी और अपराध का भी खतरा बढ़ेगा।
जनता ने जताया आभार
जैसे ही विधायक श्री यादव की पहल से दुकान न खुलने की खबर सामने आई, बघेरा सहित आसपास के नागरिकों में हर्ष की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने विधायक के इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
निष्कर्ष
बघेरा में शराब दुकान न खोलने का निर्णय केवल एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनप्रतिनिधियों द्वारा जनआवाज़ को समझने, सुनने और समय पर उचित निर्णय लेने का भी प्रमाण है। विधायक गजेन्द्र यादव की यह पहल निश्चित रूप से अन्य जनप्रतिनिधियों को भी प्रेरणा देने वाला है।