दुर्ग, 28 जून 2025।
महावीर कॉलोनी में दिनांक 24 जून की रात हुए चोरी के सनसनीखेज मामले का दुर्ग कोतवाली पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में अंतरराज्यीय चोर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए चोरी गया लगभग 50 लाख रुपये का मशरूका बरामद किया है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 332 ग्राम सोना, 3 किलो 300 ग्राम चांदी और 9.76 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं। यही नहीं, चोरी की घटना में प्रयुक्त स्प्लेंडर मोटरसाइकिल भी पुलिस ने जब्त कर ली है।
चोरी के मामले में अहम बात यह रही कि चोरों ने सोने-चांदी और नगदी को पुलिस से बचाने के लिए जमीन में गाड़ दिया था, जिसे डीएसएमडी तकनीक का उपयोग कर खोजा गया। इस पूरे ऑपरेशन में ई-साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका रही।
कैसे हुआ खुलासा:
महावीर कॉलोनी के एक घर में रात के समय खिड़की तोड़कर अज्ञात चोरों ने घर में घुसकर कीमती आभूषण व नकदी चोरी कर ली थी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 299/2025, धारा 331(4), 305 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संदिग्ध दो युवकों को एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर घटनास्थल के आसपास घूमते पाया। जांच में इनकी पहचान रंजीत डहरे और रोशन मारकंडे के रूप में हुई, जो ग्राम केकराजबोड, जिला खैरागढ़ में छिपे हुए थे।
पुलिस टीम ने तत्काल दबिश देकर दोनों को हिरासत में लिया। पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूल किया और बताया कि चोरी के चांदी के गहनों को आकाश सोनी (नागपुर) को बेचा गया, जबकि सोने के गहनों और नगदी को योगेश्वरी उर्फ जुगरी मारकंडे और रविशंकर बंजारे के पास छिपाया गया था।
जमीन में गाड़ा गया था माल:
योगेश्वरी उर्फ जुगरी ने चोरी का सामान पुलिस से बचाने के लिए जमीन में गाड़ दिया था, जिसे वैज्ञानिक उपकरण डीएसएमडी (Metal Detector) से खोजकर बरामद किया गया। रविशंकर बंजारे के पास से भी नगदी और गहने जब्त किए गए।
गिरफ्तार आरोपी:
- रंजीत डहरे (30 वर्ष) – ग्राम लिटिया, थाना लालबाग, राजनांदगांव
- रोशन मारकंडे (23 वर्ष) – मिनीमाता नगर, थाना कलमना, नागपुर
- योगेश्वरी उर्फ जुगरी मारकंडे (32 वर्ष) – केकराजबोड, थाना जालबांधा, खैरागढ़
- रविशंकर बंजारे (32 वर्ष) – लखौली, थाना कोतवाली, राजनांदगांव
- आकाश मन्नालाल सोनी (28 वर्ष) – मिनीमाता नगर, थाना कलमना, नागपुर
पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। इस सफलता में एसीसीयू व दुर्ग कोतवाली पुलिस की विशेष भूमिका रही।