बिलासपुर।
बेमेतरा जिले के टेमरी ओवरब्रिज के पास एक दर्दनाक और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने मानवता और संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को हाईवे पर मुर्गों से भरी एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के दौरान वाहन चालक बुरी तरह से वाहन के अंदर फंस गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।
हालांकि, यह वह क्षण था जब इंसानियत को सबसे अधिक ज़रूरत थी, लेकिन वहां मौजूद राहगीरों का व्यवहार चौंकाने वाला और अमानवीय निकला। घायल चालक मदद की गुहार लगाता रहा, मगर राहगीरों ने सहायता करने के बजाय सड़क पर बिखरे मुर्गों को उठाना शुरू कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पिकअप में सैकड़ों की संख्या में मुर्गे लदे थे। वाहन पलटते ही वे इधर-उधर बिखर गए। इसी दौरान आसपास से गुजर रहे लोग रुककर मदद करने के बजाय मुर्गे बटोरने लगे। कुछ लोगों ने बाइक और झोले में भरकर मुर्गे ले जाने की भी कोशिश की।
इस पूरी घटना को देखकर कुछ संवेदनशील नागरिकों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। नांदघाट थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद चालक को वाहन से बाहर निकालकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है ताकि मुर्गा लूटने वालों की पहचान की जा सके।
यह घटना न सिर्फ सड़क हादसों के प्रति समाज की संवेदनहीनता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि हमारी प्राथमिकताएं किस दिशा में जा रही हैं। एक घायल इंसान की मदद से अधिक लोगों को मुफ्त के मुर्गे बटोरना ज़रूरी लगा।
प्रश्न उठता है – क्या हमारी संवेदनाएं अब केवल मुनाफे और स्वार्थ के तराजू पर तौली जाएंगी?
यह घटना समाज को आइना दिखाने के लिए काफी है।