छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ईडी ने कांग्रेस कार्यालय और पूर्व मंत्री कवासी लखमा की ₹6.15 करोड़ की संपत्तियां अटैच कीं
रायपुर | 13 जून 2025
छत्तीसगढ़ में चल रहे ₹2,100 करोड़ के शराब घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल ₹6.15 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। इनमें सुकमा जिले में स्थित कांग्रेस कार्यालय (कांग्रेस भवन), पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की संपत्तियां शामिल हैं।
यह पहली बार है जब पीएमएलए (PMLA) के तहत किसी राजनीतिक दल की संपत्ति को अटैच किया गया है। अटैच की गई संपत्तियों में रायपुर स्थित कवासी लखमा का एक आवासीय मकान, और सुकमा में उनके बेटे हरीश लखमा के नाम पर एक अन्य मकान शामिल है।
क्या है मामला?
यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ बताया गया है। ईडी के अनुसार, कवासी लखमा इस शराब सिंडिकेट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे और उन्हें हर महीने करीब ₹2 करोड़ की अवैध आय मिल रही थी। कुल मिलाकर, उन्होंने इस घोटाले से ₹72 करोड़ कमाए, जिनका उपयोग कांग्रेस कार्यालय और व्यक्तिगत संपत्तियों के निर्माण में किया गया।
ईडी ने दावा किया कि लखमा ने विभागीय प्रक्रियाओं में बदलाव करके सिंडिकेट की गतिविधियों को बढ़ावा दिया, जिसमें FL-10A लाइसेंस का प्रावधान भी शामिल था जिससे विदेशी शराब विक्रेताओं को लाभ मिला।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यह सब बीजेपी सरकार द्वारा चुनाव से पहले विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। पार्टी ने यह भी कहा कि सुकमा में बने कांग्रेस कार्यालय के निर्माण में खर्च हुए हर रुपये का हिसाब सार्वजनिक किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी की यह कार्रवाई एकतरफा और राजनीतिक प्रेरित है। उन्होंने पूछा कि जब यह निर्माण कार्य कई साल पहले हुआ था, तो अब जाकर कार्रवाई क्यों की जा रही है?
पृष्ठभूमि में ईडी की कार्रवाई
ईडी ने दिसंबर 2024 में रायपुर, सुकमा और धमतरी में लखमा परिवार के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से उन्हें इस अवैध लेनदेन और संपत्तियों से जुड़ी पुख्ता जानकारी और दस्तावेज़ मिले थे। कवासी लखमा वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और जांच अभी भी जारी है।